ऋषभ पंत ने अपने एक्सीडेंट के बारे में इंटरव्यू दिए स्टार स्पोर्ट्स को जिसमें उन्होंने बताया मुझे लगा कि नही बच नहीं पाऊंगा |

l

ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की जा रहे थे 2022 का अंत होना था और 2023 की तरफ टीम इंडिया बढ़ाने वाली थी हर क्रिकेट प्रेमी चाहता था |

कि 2023 टीम इंडिया के लिए बहुत अच्छा हो लेकिन 2023 आने से कुछ दिन पहले ही एक खबर आती है कि ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की

अपनी गाड़ी में ट्रेवल कर रहे थे खुद वह ड्राइव करके ले जा रहे थे और उनका एक्सीडेंट हो गया वह खबर सुनते ही हर किसी को शौक लगता है |

यह बड़े हादसे की तरह था और हर कोई यही उसे समय दुआ मांग रहा था कि बस ऋषभ पंत ठीक हो जाए खेलने खेलने तो बात की बात है

ऋषभ पंत बस सही हो जाए इस बीच धीरे-धीरे खबरें आगे बढ़ती है पता चलता है कि ऋषभ पंत को बहुत चोट पहुंची है |

वहां उनके घुटने में बहुत ज्यादा इंजरी हुई है | उसके बाद धीरे-धीरे उनका इलाज चल रहा है अब ऋषभ पंत की वापसी का इंतजार हर किसी को हर कोई चाहता है |

कि जल्द ही ऋषभ पंत क्रिकेट के मैदान में फिर से दिखाई दे इस बीच ऋषभ पंत ने एक इंटरव्यू दिया स्टार स्पोर्ट्स के साथ ऋषभ पंत का एक शो है |

और उस शो में उन्होंने तमाम बातें की है उन्होंने बताया है जब उनका इलाज चल रहा था उसे दौरान वह क्या सोच रहे थे क्या बीत रहा था |

रिकवरी के टाइम और यहां तक की एक्सीडेंट के समय उनके दिमाग में क्या चल रहा था ऋषभ पंत बताया कि जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था |

तो उस समय मुझे एक समय यह लगा कि मेरी दुनिया खत्म हो चुकी है बस इस दुनिया में मेरा सफर यहीं तक था |

तो एक-एक बात जो उन्होंने बताइए उसे इंटरव्यू में इंटरव्यू जल्दी टेलीकास्ट होगा उसमें देखेंगे और क्या वह बताते हैं |

लेकिन इंटरव्यू से जुड़ी जो चीज है अभी सामने आई है जो बातें उन्होंने की है एक-एक करके आपको बताते हैं |

कि आखिर ऋषभ पंत ने कहा क्या था अब ऋषभ पंत कहते हैं कि जब मेरा वह एक्सीडेंट हुआ इस बारे में बात करते हैं और कहते हैं

कि जब एक्सीडेंट हुआ तो उस समय मुझे लगा कि मेरी दुनिया खत्म हो गई है और अब बस यही तक सफर है और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था |

उसके बाद पंत कहते हैं कि जब मेरी गाड़ी डिवाइडर पर टकरा गई थी और फर्स्ट टाइम मुझे लाइफ में ऐसी फीलिंग आई थी |

कि यह बस खत्म हो गया और अब यहां से आगे कुछ नजर नहीं आ रहा था लेकिन मैं लकी हूं कि उसके अलावा मैं वहां से निकला बच्चा और मैं सरवाइव किया |

मैं उन जख्मों को जानता हूं जो चीज मुझे मिला वहां पर उसे एक्सीडेंट में इसके बाद ऋषभ पंत बताते हैं कि उन्हें देहरादून हॉस्पिटल में ले जाया गया |

देहरादून से एयरलिफ्ट कर ऋषभ पंत को मुंबई लाया गया बीसीसीआई की स्पेशलिस्ट कंसल्टेंट के निगरानी में उनका इलाज चल रहा था|

उनकी सर्जरी हुई थी लिगामेंट उनके राइटिंग में थे तो उसे चीज को ठीक किया गया सर्जरी हुई |

क्रिकेट अकादमी बेंगलुरु में वाहन को लेकर ऋषभ पंत कहते हैं कि मैं रिकवरी में अपने आप को दुनिया से अलग महसूस कर रहा था

और रिकवरी पर फोकस कर रहा था इसलिए मुझे रिकवरी को जल्दी हासिल करने में मदद की जल्दी रिकवरी हुई

और जब रिकवरी बहुत ज्यादा सीरियस होती है तो आपको एक ही चीज हर रोज करनी पड़ती है वह बोरिंग भी होता है इरिटेटिंग भी होता है

उसका सेटिंग भी होता है पर आपके पास कोई चारा नहीं होता आपको वह चीज करनी होती है इसके अलावा वह कहते हैं कि जब मैं क्रिकेट

खेलना शुरू कर रहा था जब मेरे करियर की शुरुआती दिन थे तो मैं बहुत ज्यादा फ्यूचर के लिए प्लान नहीं करना चाहता था और उसके

अलावा मैंने डॉक्टर से पूछा भी था कि जब मुझे रिकवर होने में कितना वक्त लगेगा तो मैं खुद को कितना समय लगेगा मुझे पूरी तरीके से फिट

होने में तो उन्होंने बताया कि 16 से 18 महीने तो मैं खुद से कहा कि डॉक्टर मुझे कोई भी टाइमलाइन देते हैं मैं उसमें 6 महीने काम करूंगा तो

ऋषभ पंत की अपनी मेहनत के बारे में बात कर रहे हैं कि जब मैं क्रिकेट के लिए शुरू किया तो मैं इतना ज्यादा फ्यूचर नहीं सोचा था |

उसे समय की कैसे होगा क्या होगा लेकिन धीरे-धीरे में फिटनेस हासिल कर रहा हूं और बेहतर हो रहा हूं |

इसके अलावा ऋषभ पंत अपने उसे एक्सीडेंट के बारे में बताते हैं कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ तो उनका जो घुटना था |

वह 180 डिग्री तक मुड़ गया था और उसे दौरान अच्छी चीज यह रही की हड्डियों में चोट लगी अगर किसी नसों में चोट लगती तो बहुत ज्यादा दिक्कत हो जाती है|

लेकिन फिर वहां पर दो लोग आते हैं और उन्हें बचाते हैं और उसे समय वह कहते हैं कि या इनका जिंदगी भर मेरे ऊपर आभार रहूंगा |

तो ऋषभ पंत उसे बारे में भी बात की और उनका नाम लेते हैं उनका रजत कुमार और निशु कुमार उन दो लड़कों का नाम जिन्होंने आकर

ऋषभ पंत की हेल्प की और जब वहां पर गाड़ी में आग लग गई थी पूरी तरीके से उससे पहले उन्होंने निकाल दिया ऋषभ पंत को सही वक्त पर

दो ऋषभ पंत कहते हैं कि मैं पूरी जिंदगी उनका आभार मानूंगा कि उन्होंने मेरी मदद की अगर वह नहीं होते तो शायद में जिंदा भी नहीं होता

उन दोनों ने जिनका नाम है रजत कुमार और निशु कुमार इन दोनों ने मेरी बहुत मदद की इसके अलावा ऋषभ पंत बात करते हैं |

कि हां कुछ चीज डैमेज हुई है और अब मुझे उसे समय को सोच कर डर भी लगता है और उसे समय भी लगा था की दर लेकिन यह है कि मैं

लकी था जो उसे चीज से बच गया और अब यह है कि या मैं आगे अपने करियर पर ध्यान दूंगा इस बारे में बात कर रहे हैं और अभी इंटरव्यू में

और भी चीज निकल कर सामने आएगी उसके बारे में भी डिस्कशन करेंगे जब भी अपडेट आएगी बाकि आखिर में वह हंसते हुए कहते हैं

कि बस सफर की है कि जो मेरी ऐसी हुई करती अब उसे सेडान में तब्दील हो गई उसे एक्सीडेंट को याद करते हुए कहते हैं तो यह ऋषभ पंत

का इंटरव्यू था और तमाम इसमें बातें गई और यह बड़ी चीज है वह कह रही थी कि वह पर लग रहा था कि उनका इस दुनिया में सफल ही खत्म

हो गया बस इतना ही सफर था तो यह महसूस करता है इंसान जो वह एक्सीडेंट से बीता है और बड़ा भयानक एक्सीडेंट भयंकर एक्सीडेंट था |

वह और वहां से निकलकर ऋषभ पानी आए सलाम उनको दूसरी चीज उन दो लड़कों को बहुत ज्यादा शुक्रिया जो उन्होंने सही समय पर

पहुंचकर ऋषभ पंत को वहां से निकला तो आज ऋषभ पंत धीरे-धीरे फिट हो रहे हैं |

और उम्मीद करते हैं जल्दी वह क्रिकेट के मैदान में आएंगे और टीम इंडिया को फिर से वैसे ही जीत दिलाना शुरू करेंगे जैसे वह पहले जीत दिलाते थे |

Leave a Comment